वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
लखनऊ- उद्योग स्थापित करने के लिए अब उद्यमियों को NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उद्यमियों की इस समस्या का हल कराने के लिए सरकार जल्द ही सिंगल विंडो कानून (सिंगल विंडो एक्ट) लागू करने की तैयारी कर रही है।
कानून में यह प्रविधान भी किया जा रहा है कि सभी प्रकार की एनओसी विभागों को निर्धारित समय में ही जारी करनी पड़ेंगी। निर्धारित समय में एनओसी न जारी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने वाले तमाम उद्यमियों की तरफ से लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि उन्हें एनओसी व कारखानों के भवनों का नक्शा पास कराने के लिए संबंधित विभागों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने सिंगल विंडो व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए अब कानून बनाने की रूपरेखा तैयार की है।
इस संबंध में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा यूपीसीडा व इन्वेस्ट यूपी, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA), उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA), गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GEIDA), बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BEIDA) सहित विभिन्न औद्योगिक संगठनों से सुझाव लेकर सिंगल विंडो कानून का मसौदा तैयार किया जा चुका है।
वर्तमान में उप्र में उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पावर कारपोरेशन तथा राजस्व, उद्योग, श्रम, अग्निशमन सहित 23 विभागों से एनओसी लेना पड़ता है।
600 से अधिक उद्योग हैं फंसे-
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) व इन्वेस्ट यूपी द्वारा इस संबंध में तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में 600 से अधिक उद्योग संबंधित विभागों से एनओसी न मिलने के कारण नहीं स्थापित किए जा पा रहे हैं।
सिंगल विंडो कानून लगभग तैयार हो चुका है। सरकार जल्द ही इसे लागू करने की तैयारी कर रही है।
नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी औद्योगिक विकास मंत्री
''इस कानून के लागू होने के बाद एनओसी के अलावा कारखानों का नक्शा पास कराने व भूमि आवंटन तक का समय निर्धारित किया जाएगा। इससे उद्यमियों का समय बचेगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।''
मयूर महेश्वरी, सीईओ यूपीसीडा